स्पेक्ट्रमी चयनित उच्च तापमान सौर अवशोषक लेपन प्रौद्योगिकी

स्पेक्ट्रमी चयनित उच्च तापमान सौर अवशोषक लेपन प्रौद्योगिकी

सौर ऊर्जा को काम में लगाने का सीधा तरीका है, सौर संग्राहकों का उपयोग करते हुए सौर तापीय रूपांतरण करना। इन सौर संग्राहकों में स्पेक्ट्रमी चयनित अवशोषक पृष्ठ का उपयोग किया जाता है और इस पृष्ठ का अवशोषण (a) सौर स्पेक्ट्रमी क्षेत्र (0.3-2.5 µm) में अधिक होता है और अवरक्त स्पेक्ट्रमी क्षेत्र (2.5-30 µm) में निम्न तापीय उत्सर्जन (e) होता है।  सौर तापीय पावर के उत्पादन के लिए केन्द्रित सौर पावर (CSP) सिस्टमों में उच्च तापमान अवशोषक लेपनों का उपयोग किया गया। उच्च अवशोषण के अतिरिक्त, CSP अनुप्रयोगों केलिए निम्न तापीय उत्सर्जन भी एक और अत्यंत महत्वपूर्ण गुणधर्म है। यह इसीलिए कि अवशोशकों की तापीय पुनर्विकरणी हानि समानुपातिक रूप से T4 तक बढ़ती है। सौर तापीय पावर प्लांट के सामर्थ्य को बढाने केलिए सौर चयनित लेपन अत्यंत आवश्यक है, चूंकि इनमें स्पेक्ट्रमी चयन (a/e) और उच्च तापीय स्थायित्व होते हैं।

उच्च तापमान सौर चयनित लेपन के साथ रिसीवर ट्यूब के निर्माण सामर्थ्य को बढ़ाना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे राष्ट्रीय सौर मिशन के इस महान उद्देश्य की पूर्ति हो सकती है कि वर्ष 2022 तक 100GW सौर पावर का उत्पादन किया जाए। इस प्रयास में, सीएसआईआर-एनएएल ने स्पटरिंग प्रक्रियाओं को अपनाते हुए कूपन स्तरीय नमूनों (150´150 mm2 तक) पर अनेक उच्च तापमान स्पेक्ट्रमी चयनित सौर अवशोषक लेपनों का विकास किया। अवशोषक लेपनों के वाणिज्यिक उत्पादन हेतु इस प्रौद्योगिकी के विकास की तकनीकी जानकारी सीएसआईआर-एनएएल (TRL-6) के पास है। इन लैब-मापीय प्रौद्योगिकियों में और अधिक तरक्की लाने की संभाव्यता पर विचार किया जा रहा है।

PVD coated high temperature solar selective absorber.

PVD लेपित उच्च तापमान सौर चयनित अवशोषक

 

पिछला नवीनीकरण : 09-11-2020 11:53:59पूर्वान्ह