वायुध्‍वानिकी

वायुध्‍वानिकी

टेकऑफ सेगमेंट के दौरान जेट रव इस समूह रव का एक प्रमुख घटक है, यहां तक ​​कि आधुनिक वाणिज्यिक विमानों के मामले में भी। वायुयान प्रमाणन, समूह और कैबिन आंतरिक रव और प्रमोचन यान ध्वनिक लोड आदि में समस्याओं के समाधान के लिए पिछले दशक में उच्च गतिक जेट विमानों का वायुध्‍वानिकी अनुसंधान एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है।  पिछले 50 वर्षों में किए गए महत्वपूर्ण शोध के बावजूद जेट रव की उत्‍पत्ति और विकिरण के लिए कोई स्वीकृत पूर्ण सिद्धांत नहीं है।  इस कठिनाई का मुख्य कारण प्रक्षोभ प्रवाहों में रव की उत्‍पत्ति के सार्वभौमिक रूप से सहमत होने वाले सिद्धांत की कमी है और हाई-स्पीड जेट में प्रायोगिक माप बनाने में चुनौती है। अब निष्क्रिय और सक्रिय प्रवाह नियंत्रण दोनों को नियंत्रित करने वाले उच्च गतिक जेट विमानों से रव को कम करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास चल रहे हैं।  वायुध्‍वानिकी को समझने हेतु द्रव गतिशील मामले जैसे जेट मिश्रण की जांच, जेट के विकास में सुसंगत संरचनाओं की भूमिका, रव जनन तथा शॉक वेव और सुसंगत संरचनाओं के बीच पारस्‍परिकता होनी चाहिए। रव और पीआईवी जैसी नई नॉन-इन्‍ट्रूसिव ऑप्टिकल तकनीकें जिससे विक्षेभ प्रवाह के उतार-चढ़ाव और बीओएस की मात्रा को माप सकते हैं जो कि मात्रात्मक घनत्व वाले क्षेत्रों के प्रवाह और ध्वनिक क्षेत्रों को जोड़ने के लिए पूरे विक्षेभ प्रवाह क्षेत्र का विस्तृत ज्ञान आवश्यक है। जेट रव पर वायुध्‍वानिकी अध्ययन एक अप्रतिध्‍वनिक कक्ष के भीतर करना रूढीगत है। इन अध्ययनों में जेट रव स्रोतों की पहचान शामिल है जो माइक्रोफोन का उपयोग करते हुए एकल या बहु-बिंदु (श्रेणी) ध्वनिक माप के साथ एक नोजल से उत्पन्न होती है।  प्रारूपिक सेटअप परिदृश्यों में माइक्रोफोन के साथ माप एक ध्रुवीय या रैखिक श्रेणी के साथ जोडा गया है, जिसमें नियमित अंतराल पर व्यवस्थित माइक्रोफ़ोन थे। अलग-अलग निकास ज्यामिति के सूपरसोनिक और सबसोनिक नलिका के साथ यह अध्ययन  पास के और दूर क्षेत्र के ध्वानिक पर किया गया है। नलिका से निकलने वाले जेट का ध्वनिक क्षेत्र आमतौर पर माइक्रोफोन सिग्‍नलों से प्राप्त आवृत्ति स्पेक्ट्रा के विश्लेषण द्वारा अभिलक्षित होते हैं। इसके अलावा, इन अध्ययनों में साउंड प्रेशर लेवेल (एसपीएल) और ओवर-ऑल साउंड प्रेशर लेवेल (ओएएसपीएल) अकेले या जेट प्रवाह दिशा के साथ चलने वाले दो माइक्रोफोन के बीच तुलना करने के लिए सीमित थे। ऐसी तुलना नोजल कॉन्फ़िगरेशन के फायदे या नुकसान का गुणात्मक दृष्टिकोण प्रदान करती है, लेकिन नोजल एक्ज़िट जियोमेट्री के कारण रव स्रोत संशोधन पर बहुत कम प्रकाश डाला जाता है। हाल ही में यह महसूस किया गया है कि जेट रव स्रोत जानने के प्रयासों में एक-समान माप की आवश्यकता होती है जो समय और स्थान दोनों में स्रोतों की सीमा का पता लगाने में सहसंबद्ध हो सकता है। उच्‍च गतिक उपकरणों की कमी के कारण पहले के प्रयासों को एक-समान माप के क्षेत्रों में निर्देशित दो या तीन माइक्रोफ़ोन तक सीमित थे। तथापि, वर्तमान में, बहु-चैनल एक-समान डाटा अधिग्रहण सक्षम उच्च विश्वस्तता प्रणालियां 250 kHz सैंपलिंग दर के साथ विकसित की गई हैं। इस तरह की प्रणालियों ने जेट रव अनुसंधान के क्षितिज को विस्तार किया है और शोधकर्ताओं को ऑटो-सहसंबंध कारक के अलावा विभिन्‍न सांख्यिकीय उपकरण जैसे क्रॉस-कारिलेशन फ्याक्‍टर, कोहेरेंस, बाइ-कोहेरेंस आदि को प्रयोग करने की क्षमता प्रदान की है। ये उपकरण जेट रव के स्‍थानसीमन और अभिलक्षण को समझने और दूरस्‍थ मापन के प्रयोग हेतु नए विधियों को प्रदान करते हैं।

पिछला नवीनीकरण : 28-09-2020 04:59:00pm