नैनो सम्मिश्रण
हाल के वर्षों में, नैनो पदार्थ (जैसे सीएनटी, सीएनएफ और ग्रैफेन) के वैज्ञानिक क्षेत्र में उन्नत अनुसंधान कार्य किया गया है और इससे कार्बन नैनोट्यूब-आधारित सम्मिश्रण की तकनीक में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। मूल विज्ञान और अभियांत्रिकी के बीच पारस्परिता के परिणामस्वरूप बहु-कार्यात्मक पदार्थ (जैसे यांत्रिक, विद्युत, और उष्मीय) के विकास में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियॉं प्राप्त हुई हैं। सीएनटी को बहुलक मैट्रिक्स में शामिल करने के लिए लंबी फाइबर सुदृढीकरण के साथ संकर सम्मिश्रण उत्पादन कार्य हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण माना गया है।
सीधे मिश्रण विलायक मिश्रण
Viscosity data
विनिर्देश
एपोक्सी रेसिन में अल्ट्रासोनिकेटर, इनफ्यूशन प्रक्रिया, स्प्रे कोटिंग के प्रयोग से सीएनटी के विसर्जन हेतु प्रायोगिक सेट-अप उपलब्ध है।
सुविधाएं जहां इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है
पॉलिमर लैब
इस तकनीक की प्रमुख उपलब्धियॉं/परिणाम
- ढ़ताकार्बन फाइबर सम्मिश्रण में एमडब्ल्यूसीएनटी को शामिल करने के लिए, रेसिन निषेचन तकनीक के माध्यम से एमडब्ल्यूसीएनटी-एपोक्सी-कार्बन फाइबर कंपोजिट की प्रोसेसिबिलिटी का मूल्यांकन किया गया। सीएनटी-एपोक्सी सम्मिश्रण दो अलग-अलग तरीकों से तैयार किए जाते हैं: (1) सीधे मिश्रण और (2) विलायक मिश्रण। एसईएम विश्लेषण में पाया गया है कि, सीएनटी का सीधे मिश्रण नमूने में फैलाव विलायक मिश्रण नमूने के मुकाबले समान नहीं है। इसके अलावा, यह पाया गया कि सीएनटी केन्द्रीकरण के साथ लसीलापन ब है और 1% से अधिक सीएनटी केन्द्रीकरण का रेसिन इनफ्यूशन मुश्किल हो पाया।
- पृष्ठीय लेपन तकनीक का विकास वायुयान ग्रेड एपोक्सी प्राइमर और पतले विलायक के प्रयोग से किया गया है। विलायक मिश्रण पद्धति के प्रयोग से, प्राइमर में 30% तक सीएनटी फैलाव को प्राप्त करना संभव है।
- कुल उपचार काल को अनुकूलित करने के लिए वांछित तरीके से एपोक्सी रेसिन प्रणाली (आरटीएम6) की लसीलेपन को बढ़ाने के लिए सीएनटी का प्रयोग किया गया था। इसके लिए, सीएनटी के साथ और सीएनटी के बिना लसीलेपन के अनेक प्रयोगों को इष्टतम लसीलापन प्रोफ़ाइल पाने तक किए गए थे। सीएनटी का प्रयोग करते हुए लसीलापन प्रोफाइल के अनुकूलन कुल उपचार काल की अवधि आर्थिक रूप से सही पाया गया।