सिरामिक के मोल्डलेस कैस्टिंग (एमसीसी)
पदार्थ विज्ञान प्रभाग, सीएसआईआर-एनएएल ने तीन दिशाओं में निरंतर प्रवाह छिद्रण स्कैफोल्ड संरचनाओं का निर्माण हेतु उन्नत सिरामिक पदार्थ के लिए मौल्डलेस कैस्टिंग नामक एक अनूठी आकार की विधि विकसित की है। यह एक योगज निर्माण विधि है जिसमें कम्प्यूटर द्वारा अभिकल्प और कंप्यूटर नियंत्रित उपकरण द्वारा सिरामिक घोल/पेस्ट के परत निक्षेप के माध्यम से मोल्डलेस का निर्माण किया जाता है।
तकनीक का संक्षिप्त विवरण
एनएएल ने मोल्डलेस कैस्टिंग के एक विधि का विकास किया है, जिसमें वि-आयनित जल में उन्नत सिरामिक पाउडर का कोलाइडयल प्रसंस्करण शामिल है। सिरामिक स्लरी केलिए जो स्थिरता और प्रवाहिकी आवश्यक है, वे एक तरल माध्यम में छितरे हुए सूक्ष्म कणों की पृष्ठीय रासायनिकी के आधार पर प्राप्त कर लिया जा सका है। शीर थिन्निंग व्यवहार वाले उच्च ठोस भरी स्लरी को एक सूक्ष्म नोजल के माध्यम से बाहर निकालकर एक्स, वाई की दिशा में जमा किया गया, और जेड दिशा में सतत चैनलीकृत संरंध्रता वाली सरलीकृत संरचना में स्थापित किया गया। टीम ने गहन परिश्रम करके एल्यूमिना, ज़िरकोनी और बायोकेरेमिक कैल्शियम फॉस्फेट आदि इंजीनियरिंग सिरामिक सामग्रियों की विधि को अनुकूल बनाया। सैद्धांतिक घनत्व के पास सिंटरित निर्मित उत्पाद के भौतिक, सूक्ष्म-संरचनात्मक और यांत्रिक गुणों की तुलना अन्य तुलनात्मक तकनीकों जैसे स्लिप कैस्टिंग और जेल कैस्टिंग द्वारा तैयार किए गए नमूनों के साथ की गई। इस जांच के नतीजे के रूप में कैल्शियम फॉस्फेट सिरामिक से बने हुए स्कॉफल्ड का परीक्षण जैव-चिकित्सा के क्षेत्र में उनके अनुप्रयोग और उपयोग केलिए किया गया और इनको पशु अध्ययनों में इन विट्रो जैव-संगत पाया गया
इस तकनीक में रसायन विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, सिरामिक विज्ञान, विनिर्माण और अभिकल्प के मूल तत्वों के समकालीन ज्ञान शामिल हैं।