बृहत वैद्युत वांतरिक्ष संरचनाओं के आरसीएस आकलन हेतु उच्च आवृत्ति रे आधारित तकनीक

बृहत वैद्युत वांतरिक्ष संरचनाओं के आरसीएस आकलन हेतु उच्च आवृत्ति रे आधारित तकनीक

पांचवीं पीढ़ी के मानव या मानव रहित लड़ाकू वायुयानों पर राष्ट्रीय कार्यक्रमों को एक कम विचारयोग्‍य प्‍लैटफार्म की आवश्यकता है। इस संदर्भ में स्‍टेल्‍थ विशेषताओं या रडार क्रॉस सेक्शन (आरसीएस) में कमी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आरसीएस का आकलन एक स्‍टेल्‍थ प्‍लैटफार्म अभिकल्‍प हेतु पहली आवश्यकता है। जैसे, आधुनिक वायुयान रडार उच्च आवृत्ति में काम करते हैं, संचालन आवृत्ति के संबंध में वायुयान संरचना वैद्युत रूप से बहुत बड़ी होती है। यद्यपि एक पदार्थ के आरसीएस की गणना और उच्च आवृत्ति अनुप्रयोगों केलिए विभिन्न तकनीक मौजूद हैं -      रे आधारित विधि जैसे शूटिंग-एण्‍ड-बाउंसिंग-रे (एसबीआर) तकनीक, यूनिफार्म थिअरि ऑफ डिफ्राक्‍शन (यूटीडी), जियोडेसिक कांस्‍टेंट विधि (जीसीएम) सबसे उपयुक्त विधि हैं क्योंकि यह क्षेत्र के सामर्थ्‍य को बहुत तेज और उचित आकलन प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है। सीईएम टीम ने हाल ही में एडीए प्रायोजित एएमसीए परियोजना के लिए निम्‍न आरसीएस इंजन डक्‍ट के स्‍कैटेरिंग विश्लेषण हेतु क्‍वासि-अनालिटिकल और संख्यात्मक रे ट्रेसिंग आधारित एसबीआर विधियों का विकास किया है। विकसित विधि किसी भी जटिल डक्‍ट और इनलेट ज्यामिति का लोडिंग अवशोक के साथ आरसीएस का अनुमान लगा सकता है। इसके अलावा सीईएम टीम ने रडार अवशोषक मोटाई को अनुकूलित किया है और एएमसीए डक्ट के लिए निषम्‍न आरसीएस अभिकल्‍प का एक अनुकूलित मोटाई प्रोफ़ाइल प्रस्‍तुत की है।


विनिर्देश:

एयर इनटेक डक्‍ट और इनलेटों का आरसीएस विश्लेषण

वांतरिक्ष/आकार का आरसीएस विश्लेषण


सुविधाएं जहां इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है:

लडाकु वायुयान अभिकल्‍प के लिए डीआरडीओ प्रोग्राम

इस तकनीक की प्रमुख उपलब्धियॉं/परिणाम:

किसी भी वायुयान संरचना का आरसीएस आकलन: एयर इनटेक जैसे अवयवों का उत्तल

जहाजों का आरसीएस आकलन

पिछला नवीनीकरण : 28-09-2020 05:39:57pm